जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), चमोली (गौचर) में चल रहे सात दिवसीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण के पंचम दिवस पर प्रशिक्षुओं ने निकटवर्ती आंगनबाड़ी केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण एवं अवलोकन किया। इस प्रशिक्षण में जनपद के नौ विकासखंडों से कुल 56 कार्यकत्रियां भाग ले रही हैं।
प्रशिक्षु चार समूहों में विभाजित होकर शैल, भट्टनगर, रावलनगर और पनाई बालवाटिका के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचे, जहां आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती अंजू बहुगुणा, अनीता नेगी, गीता लिंगवाल और सरला काला ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रशिक्षुओं ने बच्चों के साथ संवाद स्थापित किया और विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।
बच्चों ने प्रार्थना, कहानी, कविता और खेल के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्साहपूर्वक उत्तर दिया। स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं ने अपने केंद्र में होने वाली गतिविधियों की जानकारी प्रशिक्षुओं को दी।
कार्यक्रम समन्वयक राजेंद्र प्रसाद मैखुरी ने क्षेत्रीय भ्रमण को सीखने की महत्वपूर्ण विधा बताया। उन्होंने कहा, “विभिन्न वस्तुओं एवं गतिविधियों का अवलोकन करना व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होता है। यह खोज, पहचान, अनुभव आधारित सीखने और चीजों से संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि छोटे बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्हें उनके परिवेश से परिचित कराना आवश्यक है। क्षेत्रीय भ्रमण एवं अवलोकन से प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से सीखने की गति तीव्र होती है, जिससे ज्ञान और समझ अधिक स्थाई बनती है। जिन विद्यालयों में इस विधा से शिक्षण कराया जाता है, वहां के बच्चे समाज में सशक्त नागरिक की भूमिका निभाते हैं।
शाम के सत्र में प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचकर अपने अनुभव साझा किए। भ्रमण दल में संदर्भदाता के रूप में पार्वती देवी, शोभा बिष्ट, पूजा रजवार, अंजना रावत, मोहित देवराड़ी और राहुल शाह शामिल थे।
कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. कमलेश कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि वर्तमान सत्र में जिले के प्राथमिक विद्यालयों से जुड़े 155 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को तीन चरणों में सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना है। दो चरणों में 112 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि तृतीय चरण का प्रशिक्षण 27 फरवरी से प्रारंभ होगा।