
गोविंदघाट: गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल बीते मार्च माह में चट्टान गिरने के कारण ध्वस्त हो गया था। तब से लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए नदी पर एक अस्थायी पुलिया का निर्माण किया है। वहीं, वाहनों की आवाजाही सुचारू करने के लिए नदी पर 45 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य मौसम की मार झेल रहा है।
जानकारी के अनुसार, बैली ब्रिज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था और पुल के केवल आठ मीटर पैनल ही जोड़े जाने शेष थे। हालांकि, बीते 9 अप्रैल को पुल का एक हिस्सा अचानक टूट गया, जिसे लोनिवि ने तुरंत हटा दिया। इसके बाद अब खराब मौसम के कारण पुल के पैनल जोड़ने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता नवीन ध्यानी ने बताया कि गोविंदघाट क्षेत्र में दोपहर बाद तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे निर्माणाधीन पुल के पैनलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसलिए, सतर्कता बरतते हुए अगले दो-चार दिनों के लिए पैनल जोड़ने का काम रोक दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुल के एप्रोच मार्ग सहित अन्य संबंधित कार्य प्रगति पर हैं। मौसम सामान्य होते ही पुल के पैनल जोड़ने का काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा। लोनिवि इस माह के अंत तक पुल को तैयार करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।
पुल के ध्वस्त होने और निर्माणाधीन बैली ब्रिज के कार्य में मौसम के कारण आ रही बाधाओं से हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। पैदल यात्रियों के लिए बनी पुलिया फिलहाल आवाजाही का एकमात्र साधन है।