
चमोली, उत्तराखंड – चमोली जिले में शुक्रवार देर रात हुई भारी बारिश के बाद जिले के कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देश पर शनिवार को तहसील प्रशासन की टीम ने सैकोट, मैठाणा, नंदानगर-नंदप्रयाग सड़क और गोपेश्वर स्थित लीसा फैक्ट्री बैंड क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया।
उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राजकुमार पांडे के नेतृत्व में निरीक्षण करने पहुंची टीम ने संबंधित विभागों को शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, भारी वर्षा के चलते आठ आवासीय भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है, जबकि दो मवेशी मलबे में दब गए हैं।
सैकोट क्षेत्र में कुछ घरों में मलबा घुसने से नुकसान हुआ, जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने चार प्रभावित परिवारों को ₹5,000-₹5,000 की अहेतुक राहत राशि प्रदान की। इसके अलावा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को नियमानुसार मुआवजा भी दिया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कार्यों को तेजी से शुरू करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि जिले में वर्षा से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है और प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत दी जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वह सुरक्षित स्थानों पर रहें और सतर्कता बरतें।
प्रशासन ने यह भी जानकारी दी कि बारिश के कारण अवरुद्ध बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भनेरपानी, क्षेत्रपाल और नंदप्रयाग के पास सुचारु कर दिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को बहाल करने का कार्य भी तेजी से जारी है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, उत्तराखंड का भौगोलिक परिदृश्य इसे मानसून के दौरान अधिक संवेदनशील बनाता है, और चमोली जैसे जिलों में भूस्खलन तथा अचानक बाढ़ की घटनाएं आम हैं।
स्थानीय समाचार स्रोतों जैसे अमर उजाला और दैनिक जागरण के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और प्रभावितों को राहत राशि देने के कार्यों की सराहना की गई है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी आपदा या खतरे की स्थिति में तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित करें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।