
बदरीनाथ, उत्तराखंड: बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार पर फोटो खींचने को लेकर श्रद्धालुओं के बीच हुई कथित मारपीट और हंगामे के मामले में, भले ही पुलिस में कोई औपचारिक रिपोर्ट दर्ज न हुई हो, लेकिन श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इसे गंभीरता से लिया है। समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए, मंदिर परिसर में नियमों का उल्लंघन करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सिंहद्वार के ठीक आगे फोटो खिंचवाने को लेकर श्रद्धालुओं के बीच हुए विवाद को दिखाया गया है। बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे अमर्यादित व्यवहार करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर 50 मीटर के दायरे में प्रतिबंध:
बीकेटीसी ने एक बार फिर दोहराया है कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम में मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में फोटोग्राफी, किसी भी तरह की वीडियोग्राफी, और रील्स बनाना सख्त वर्जित है। इस संबंध में मंदिर परिसर में सूचना पट भी लगाए गए हैं और मंदिर समिति तथा पुलिस प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से भी लगातार जानकारी प्रसारित की जाती है।
अध्यक्ष द्विवेदी ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे सिंहद्वार के ठीक आगे सीढ़ियों पर खड़े होकर फोटो खिंचवाने के बजाय, सिंहद्वार के आगे निर्धारित खुले परिसर में ही तस्वीरें लें। उन्होंने जोर दिया कि धामों की गरिमा बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस तरह के व्यवहार से आम जनमानस में गलत संदेश जाता है।
यह कोई अकेली घटना नहीं:
यह ध्यान देने योग्य है कि चार धाम यात्रा के दौरान धार्मिक स्थलों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को लेकर विवाद पहले भी सामने आए हैं। उत्तराखंड सरकार ने मई 2024 में भी चार धाम के 50 मीटर के दायरे में वीडियो बनाने और रील बनाने पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि ऐसी गतिविधियों से न केवल भक्तों के मार्ग में बाधा आती है, बल्कि कई बार धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अब इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की तैयारी में है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और तीर्थयात्रा की पवित्रता बनी रहे।