
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड में जारी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा पर बड़ा असर पड़ा है, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दो सप्ताह के भीतर चारधाम और हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में पांच गुना तक की कमी आई है, जो मानसून के यात्रा पर पड़ रहे गंभीर प्रभाव को दर्शाता है।
पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून तक प्रतिदिन 70 हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर रहे थे। हालांकि, प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने के बाद से लगातार हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के कारण चौबीस घंटे के लिए चारधाम यात्रा को रोकना भी पड़ा था, हालांकि बाद में प्रदेश सरकार ने यात्रा पर रोक हटा दी।
इसके बावजूद, धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार घट रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 3 जुलाई को बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब में केवल 13 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने ही दर्शन किए। वहीं, यमुनोत्री धाम की यात्रा 29 जून से लगातार रुकी हुई है, जिससे हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं या उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ रही है।
बार-बार यात्रा बाधित होने से न केवल तीर्थयात्रियों को असुविधा हो रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जो काफी हद तक चारधाम यात्रा पर निर्भर करती है। प्रशासन और पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन मौसम को एक बड़ी चुनौती बनाए हुए हैं। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी और सड़क की स्थिति की पुष्टि अवश्य कर लें।