गोचर/पोखरी: उत्तराखंड के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नगरपालिका क्षेत्र गौचर के बसंतपुर और पोखरी विकासखंड के करछुना, सूगी और रानो गांवों में कई आवासीय मकान खतरे की जद में आ गए हैं। भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग और संपर्क मार्ग मलबा और भूस्खलन के कारण बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित है।
सोमवार को भी राष्ट्रीय राजमार्ग कमेड़ा स्लाइड में सुबह से दोपहर 12 बजे तक बंद रहा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
नगरपालिका क्षेत्र गौचर के बसंतपुर में बीती रात हुई भारी बारिश के कारण सोमवार सुबह भूस्खलन हो गया, जिससे सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। इसके साथ ही मनीष कुमार, राकेश कुमार, पंकज कुमार, राजेन्द्र लाल, मुकेश कुमार, देवेन्द्र कुमार, श्याम लाल और प्रदीप कुमार के आवासीय भवनों पर खतरा मंडरा रहा है। पीड़ित परिवारों ने बताया कि उनके घरों के आगे बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे भवनों को नुकसान पहुंचने का डर है। उन्होंने प्रशासन से भू-धंसाव को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। तहसील प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन भेज दी है और परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
वहीं, दूसरी ओर पोखरी विकासखंड के रानो में सुरेन्द्र सिंह, उत्तम सिंह और राकेश सिंह भंडारी के मकान खतरे में हैं। सूगी में रजनीश खत्री के मकान और गोशाला तथा करछुना में खुशाल सिंह नेगी के आवासीय मकान पर भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। प्रभावित परिवारों ने मौके का मुआयना कर शासन-प्रशासन से सुरक्षात्मक कार्य करने की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर बारिश जारी रही तो रानो-सरमोला संपर्क मार्ग भी कई स्थानों पर भू-धंसाव और भूस्खलन के कारण खतरे में आ जाएगा। इसके अलावा, बमोथ के पास गोविंदबाड़ी में सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया है, जिससे सड़क पर दरारें आ गई हैं। गांव के पास गारे नामक स्थान पर भी सड़क धंसने से खतरा बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं और वे प्रशासन से जल्द राहत कार्य शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं।