
पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी के पैठाणी रेंज में पिछले दिनों भालू के लगातार हमलों से ग्रामीणों में व्याप्त दहशत को खत्म करने के लिए प्रशासन और वन विभाग ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, भालू की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन और ट्रैप कैमरों का उपयोग किया जा रहा है, और ट्रेंकुलाइज स्नाइपरों की एक टीम भी मौके पर तैनात की गई है। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि इसमें महिला शक्ति भी शामिल है, जिन्होंने मशालें थामकर अभियान में सहयोग किया है।
विशेषज्ञों की टीम और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के आदेश के बाद, डीएफओ सिविल पवन नेगी के नेतृत्व में 17 विशेषज्ञों की चार टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में दो डॉक्टर, दो ट्रेंकुलाइज स्नाइपर और अनुभवी वन्यजीव विशेषज्ञ शामिल हैं। एसडीओ आयशा बिष्ट ने बताया कि भालू की हरकतों पर नजर रखने के लिए एक ड्रोन कैमरा और दस ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, भालू को पकड़ने के लिए पिंजरे, जाल और मचान भी तैयार किए गए हैं। वन विभाग लगभग 600 गौशालाओं की भी निगरानी कर रहा है, क्योंकि भालू अक्सर मवेशियों को निशाना बनाते हैं। चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने अंतिम विकल्प के रूप में भालू को नष्ट करने की अनुमति भी दे दी है, यदि अन्य सभी प्रयास विफल होते हैं।
ग्रामीणों के साथ मिलकर मॉनिटरिंग
अभियान के तहत, शनिवार रात को सभी टीमें चार अलग-अलग गांवों, कुचौली, कुडील, कठयूड़ और सौंठ में ग्रामीणों के साथ रहकर भालू की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करती रहीं। डीएफओ पवन नेगी ने कहा कि भालू की लोकेशन स्पष्ट होते ही अभियान को और तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रैकिंग और मैपिंग का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही ग्रामीणों को इस आतंक से राहत दिलाई जाएगी। इस मिशन में स्थानीय युवाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों का पूरा लाभ मिल रहा है।
सरकार की प्राथमिकता: ग्रामीणों की सुरक्षा
क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रशासन भालू के आतंक को खत्म करने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ग्रामीणों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन और वन विभाग के बीच बेहतर तालमेल से यह अभियान सफल होगा, और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन भी तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे।