
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने ‘एनजी ट्रेडर्स’ नाम की एक फर्जी कंपनी बनाकर और ‘क्रिप्टोप्रोमार्केट्स’ (CryptoPromarkets) के नाम से ऑनलाइन विज्ञापन देकर लोगों को ठगा। इस मामले में, उन्होंने एक पीड़ित से 65 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की।
कैसे हुआ अपराध?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों, 34 वर्षीय नितिन गौर और 29 वर्षीय निक्कू बाबू (दोनों निवासी नोएडा), ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर “CryptoPromarkets” नाम से एक लिंक और विज्ञापन प्रसारित किया। इसमें लोगों को भारी लाभ का लालच दिया गया। जब पीड़ित ने इस लिंक के माध्यम से पंजीकरण किया, तो उसे विश्वास हो गया कि यह एक वैध निवेश प्लेटफॉर्म है।
आरोपियों ने खुद को प्रिया, रमेश कुमार, शरद वोहरा और विक्की मल्होत्रा जैसे अलग-अलग नामों से पेश किया और पीड़ित से विभिन्न मोबाइल नंबरों और ईमेल आईडी के माध्यम से संपर्क किया। उन्होंने खुद को निवेश कंपनी का अधिकारी बताकर पीड़ित का विश्वास जीता।
धोखाधड़ी का तरीका
आरोपियों ने पीड़ित को लगातार पैसे निवेश करने के लिए उकसाया, जिससे उसे मोटा लाभ मिल सके। 7 जुलाई 2025 से 29 जुलाई 2025 के बीच, पीड़ित ने उनके बताए गए विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹66,21,000 जमा किए। ये बैंक खाते ‘एनजी ट्रेडर्स’ नामक एक फर्जी कंपनी के नाम पर खोले गए थे। इस काम के लिए कई सीयूजी (क्लोज्ड यूजर ग्रुप) नंबरों का भी इस्तेमाल किया गया।
पैसा हड़पने के बाद, अपराधियों ने पीड़ित को लाभ देने से इनकार कर दिया और उससे संपर्क करना बंद कर दिया। तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।
अंतरराष्ट्रीय संबंध और बैंक खाते
एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए इन अपराधियों का विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों के साथ भी संबंध था। साथ ही, वे देश भर के विभिन्न बैंकों में 18 से 20 करंट बैंक खातों का उपयोग कर रहे थे, जिनका उपयोग वे धोखाधड़ी के लिए करते थे।
यह गिरफ्तारी उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिसने करोड़ों की इस धोखाधड़ी का खुलासा किया है।