उत्तराखंड में नकली नोटों का गिरोह पकड़ा गया
हरिद्वार पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली नोटों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सदस्य लंबे समय से उत्तराखंड में नकली नोट चला रहे थे। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से बड़ी मात्रा में नकली नोट बरामद किए हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस चेकिंग के दौरान दो बाइकों पर सवार चार लोग संदिग्ध दिखाई दिए। तलाशी लेने पर उनके पास से 500 रुपये के 44 नकली नोट बरामद हुए। इन चारों लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई।
पूछताछ में क्या खुलासा हुआ?
पूछताछ में पता चला कि ये लोग देहरादून में किराए के कमरे में रह रहे दो अन्य लोगों से नकली नोट खरीदते थे। इन दो लोगों ने लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से असली नोटों की कॉपी बनाकर नकली नोट तैयार किए थे। पुलिस ने देहरादून से इन दोनों लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया।
कहां से मिल रहे थे नकली नोट?
पुलिस ने देहरादून के सुद्धोवाला और पटेल नगर इलाकों में छापेमारी कर इन लोगों के किराए के कमरों से लैपटॉप, प्रिंटर और हजारों रुपये के नकली नोट बरामद किए।
कैसे करते थे नकली नोटों का कारोबार?
ये लोग असली 500 रुपये के नोटों को स्कैन करके उनकी हूबहू कॉपी बनाते थे। फिर इन नकली नोटों को हरिद्वार और देहरादून के बाजारों में चलाते थे। वे दुकानदारों को 500 रुपये का नकली नोट देकर 100 या 150 रुपये का सामान ले लेते थे और शेष राशि असली नोटों में ले लेते थे।
कौन-कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार लोग हरिद्वार से और दो लोग देहरादून से हैं। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं: सौरभ, निखिल, अनंतबीर, नीरज, मोहित और विशाल।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ नकली नोट छापने और चलाने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि नकली नोटों का कारोबार कितना गंभीर अपराध है। नकली नोटों से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है। पुलिस की इस कार्रवाई से इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
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