
देहरादून: उत्तराखंड वन विकास निगम के बैंक खाते से फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल कर 14 लाख रुपये ट्रांसफर करवाने वाले एक शातिर ठग को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने यह रकम एक फर्जी बैंक खाते में ट्रांसफर करवाई थी, लेकिन एक छोटी सी गलती के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस घटना ने बैंक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
यह मामला 20 फरवरी को सामने आया, जब पीएनबी बैंक की शिमला बाईपास शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक अनिल नेगी ने पटेलनगर कोतवाली में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने जाली दस्तावेज और वन विकास निगम का कूटरचित लेटरहेड तैयार कर निगम के खाते से 14.03 लाख रुपये गुड्डू कुमार नाम के एक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवा लिए।
पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने मामले के खुलासे और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष निर्देश दिए। जांच के दौरान, सबूतों के आधार पर सहारनपुर निवासी मयंक भारद्वाज (उम्र 27) का नाम सामने आया, जो घटना के बाद से फरार चल रहा था। पुलिस टीम ने आखिरकार उसे सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया।
एक गलती से पकड़ा गया आरोपी
पूछताछ में पता चला कि आरोपी मयंक भारद्वाज एक लोन एजेंट के रूप में काम करता है और लोगों को विभिन्न बैंकों से लोन दिलाने का काम करता था। उसने वन विकास निगम का फर्जी लेटरहेड तैयार किया और उसी के आधार पर निगम के खाते से पैसे एक दूसरे खाते में ट्रांसफर करवा लिए।
पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी ने हरिद्वार में गुड्डू कुमार के नाम से एक फर्जी बैंक खाता खोला था। धोखाधड़ी से पैसे इसी खाते में ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि, आरोपी ने इस खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर नहीं बदला था, जिसके कारण पुलिस ने तकनीकी जांच से उसका पता लगा लिया और उसे पकड़ने में सफल रही। इस मामले में बैंक की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इतनी बड़ी रकम किसी निजी खाते में ट्रांसफर होने के लिए निगम के लेटरहेड का सत्यापन क्यों नहीं किया गया।