हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर बाढ़: सैकड़ों यात्री फंसे, सुरक्षित निकाले गए
हाल ही में, उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर एक दुर्घटना हुई जिसमें करीब 250 यात्री बरसाती गदेरे के उफान के कारण फंस गए। अटलाकोटी ग्लेशियर के पास तेज बारिश के कारण यह गदेरा उफान पर आ गया और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर जाने से रोक दिया।
एसडीआरएफ और पुलिस ने किया बचाव
खबर मिलते ही, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और फंसे हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला। इसी तरह, फूलों की घाटी में भी घोसा नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया जिससे 189 पर्यटक फंस गए। उन्हें भी सुरक्षित बचा लिया गया।
हेमकुंड साहिब का महत्व
हेमकुंड साहिब सिख धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह समुद्र तल से 4,633 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरुद्वारे के लिए प्रसिद्ध है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।
मानसून में यात्रा करते समय सावधानियां
- मौसम का पूर्वानुमान: यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान अवश्य जांच लें।
- सुरक्षित मार्ग: हमेशा सुरक्षित मार्ग का चुनाव करें और स्थानीय लोगों की सलाह लें।
- सामान: अपने साथ आवश्यक सामान जैसे कि बारिश का कोट, गर्म कपड़े, टॉर्च आदि अवश्य रखें।
- समूह में यात्रा: अकेले की बजाय समूह में यात्रा करना बेहतर होता है।
- स्थानीय प्रशासन: स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
हेमकुंड साहिब एक खूबसूरत जगह है लेकिन मानसून के मौसम में यहां यात्रा करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। अचानक मौसम में बदलाव आ सकता है और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए, यात्रा से पहले सभी जरूरी सावधानियां बरतें और सुरक्षित यात्रा करें।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मई से सितंबर तक
- कैसे पहुंचें: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून है। यहां से आप टैक्सी या बस द्वारा हेमकुंड साहिब पहुंच सकते हैं।
- रहने के लिए जगह: हेमकुंड साहिब के पास कई गेस्ट हाउस और होटल हैं।
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