डिजिटल अरेस्ट के झांसे में आकर बुजुर्ग से ठगों ने 52 लाख रुपये ऐंठ लिए
उत्तराखंड के देहरादून में एक बुजुर्ग व्यक्ति से साइबर ठगों ने 52 लाख रुपये की ठगी कर ली है। ठगों ने बुजुर्ग को फोन कर बताया कि उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। डर के मारे बुजुर्ग ने ठगों को अपने सारे पैसे दे दिए।
क्या है पूरा मामला?
रेलवे रोड निवासी एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मी योगेश चंद्र श्रीवास्तव को 13 सितंबर को एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। उसने श्रीवास्तव को बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके मुंबई में एक बैंक खाता खोला गया है और उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुई हैं।
ठग ने श्रीवास्तव को धमकाया कि अगर उन्होंने कुछ नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डरे हुए श्रीवास्तव ने ठग के बताए गए बैंक खाते में अपनी सारी बचत डाल दी। बाद में जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
कैसे हुआ ठगी?
ठगों ने श्रीवास्तव को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर ठगी की। उन्होंने श्रीवास्तव को एक फर्जी एफआईआर की कॉपी भी भेजी और उन्हें डराया कि अगर उन्होंने उनके निर्देशों का पालन नहीं किया तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
पुलिस क्या कहती है?
एसपी देहादून के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी फोन कॉल पर विश्वास न करें और अपनी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
- किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले कॉल पर विश्वास न करें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- अपने बैंक खाते और अन्य ऑनलाइन खातों की नियमित रूप से जांच करें।
यह खबर क्यों है महत्वपूर्ण?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि साइबर ठगी कितनी आम हो गई है। साइबर ठग लोगों को विभिन्न तरीकों से ठगते हैं, इसलिए लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
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